Kab Gunahon Se Kinaara Main Karunga, ya Rab ! Lyrics
कब गुनाहों से किनारा मैं करूँगा, या रब ! कब गुनाहों से किनारा मैं करूँगा, या रब ! नेक कब ऐ मेरे अल्लाह ! बनूँगा, या रब ! कब गुनाहों के मरज़ से मैं शिफ़ा पाऊँगा कब मैं बिमार, मदीने का बनूँगा, या रब ! गर तेरे प्यारे का जल्वा न रहा पेशे नज़र सख़्तियाँ…