Wo Jis Ke Liye Mahfil e Kaunain Sajhi Hai / Wo Mera Nabi Mera Nabi Mera Nabi Hai
वो जिस के लिये महफ़िले-कौनैन सजी है फ़िर्दौसे-बरीं जिस के वसीले से बनी है वो हाशमी-मक्की-मदनी-उल-अरबी है वो मेरा नबी, […]
वो जिस के लिये महफ़िले-कौनैन सजी है फ़िर्दौसे-बरीं जिस के वसीले से बनी है वो हाशमी-मक्की-मदनी-उल-अरबी है वो मेरा नबी, […]
रज़ा, रज़ा, रज़ा, रज़ा रज़ा, रज़ा मेरा रज़ा मेरे रज़ा, मेरे रज़ा अहमद रज़ा, मेरे रज़ा सुन्नियों के पेशवा, है
नेमते-बे-बदल मदीना है हर उदासी का हल मदीना है ज़ब्ते-जज़्बात लाज़मी है यहाँ अे मेरे दील ! सँभल, मदीना है
nematen baanta ta, jis samt wo zeeshaan gaya saath hi munshi-e-rahmat qalam baan gaya le khabar jald ki Gairon ki
खिली खिली कलियाँ हैं, तयबा की गलियाँ हैं खिली खिली कलियाँ हैं, तयबा की गलियाँ हैं अजब दिल-कुशा हैं, मदीने
हुज़ूर मेरी तो सारी बहार आप से हैं मैं बे-क़रार था, मेरा क़रार आप से है मेरी तो हस्ती ही
फिर के गली गली तबाह ठोकरें सब की खाअे क्यूँ दिल को जो अक़्ल दे ख़ुदा, तेरी गली से जाअे
सेरे-गुल्शन कोन देखे, दश्ते-तैबा छोड़ कर सूअे-जन्नत कोन जाअे दर तुम्हारा छोड़ कर सर गुज़िश्ते-ग़म कहूँ, किस से तेरे होते
सोज़े-दील चाहिए, चश्मे-नम चाहिए और शौक़े-तलब मौतबर चाहिए हों मुयस्सर मदीने की गलियाँ अगर आँख काफ़ी नहीं है नज़र चाहिए